ख्वाहिशे हज़ारो नहीं,
एक ही ख्वाहिश की ,,,,,
हवा के हर झोंको में तेरी खुशबु आये !
ख्वाहोशों का क्या है ,
जब कही से भी गुजरू ,
उस हर जगह के कोने में ,बस तुं नझर आये !
ख्वाहिशें वैसे कहा सबकी पूरी होती है ,
मेरी ख्वाहिश करने से पहेले ,
तेरी आवाज़ मुझे आये !
कभी लगे के मेरी हर साँस तेरी ही बदौलत है ,
पर जब में आखरी साँस लू ,
मेरी नज़र के सामने बस तुं आये !
ख्वाहिश बस इतनी सी ,
आज में पढूं नज़्म किसीकी लिखी ,
कल झमाना पढ़े मेरी नज़्म तेरे लिए लिखी !!
**ब्रिंदा**
एक ही ख्वाहिश की ,,,,,
हवा के हर झोंको में तेरी खुशबु आये !
ख्वाहोशों का क्या है ,
जब कही से भी गुजरू ,
उस हर जगह के कोने में ,बस तुं नझर आये !
ख्वाहिशें वैसे कहा सबकी पूरी होती है ,
मेरी ख्वाहिश करने से पहेले ,
तेरी आवाज़ मुझे आये !
कभी लगे के मेरी हर साँस तेरी ही बदौलत है ,
पर जब में आखरी साँस लू ,
मेरी नज़र के सामने बस तुं आये !
ख्वाहिश बस इतनी सी ,
आज में पढूं नज़्म किसीकी लिखी ,
कल झमाना पढ़े मेरी नज़्म तेरे लिए लिखी !!
**ब्रिंदा**
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