Monday, February 20, 2012

तेरे बारे मे लिखना,
लिखना क्या,
चंद लम्हो को सहेजना !
वो क्या पेन कागझ के मोहताझ होंगे!!?

तेरे बारे में सोचते सोचते
कभी दुध उबालना,तो कभी सब्झि काटना,
देखो, ये धोबी भैया भी आ गया,
ऐसे इन बातों पे हसना नहीं !

पर ये लम्हा एक डाल का फुल तो नही,
किसी पेड पे किसी खास ऋतका मोहताझ नहीं,
तेरे वो एक लम्हे मे तो कई ऋत खिले,
देखो,तुम्हारा मेरी एसी सोच पे फिर हंसना!!

कभी मेरा एक के बाद एक, "To do list" को देखना,
कभी खाना परोसते ही रहेना,
फिर मेरा लिखने की पंक्तिओ को भुल जाना,
देखो, ऐसे नही देखना,"I love u"

लिखना मेरी आदत तेरे बारे में,
ये कोई " customize package "   नहीं,
की मैं किसी के लीये भी लिखुं,
देखो, फिर कोई काम आ गया,
पर,एक बार मुस्कुरा देना जरा ! !!:)
**ब्रिंदा**


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