मै पागल ,
रातभर बुनती रही,
तेरी हंसी,
तेरी बाते ,
तेरे इशारे ,
तेरा प्यार,
मैं पागल ,
चूमती गई तेरी हथेली ,
तेरी आँखे ,
तेरी खुशबु,
तेरा दिल,
तेरा प्यार ,
मै पागल,
लुटती गई,
तेरी आवाज़ ,
तेरी सोंच ,
तेरा अंदाज़,
तेरी ख़ामोशी,
तेरी धड़कन,
तेरा वोही प्यार ............
रात भर जागके पागल बनती रही, तुजे भी बनाती रही.!
**ब्रिंदा *
थोडे ही शब्दों में बहुत कुछ कह दिया आपने ब्रिंदाजी...!!!
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