बडी मगरुर होती हैं ये उंगलीयां,
अपनी सोच को बडी महेफूझ रखती है उंगलीयां !
जितना चाहो सोच लो, ये आंखे थोडी है?,
जो बतलाये राझ दिल के, बहुत कूछ छुपाती है उंगलीयां !
अपनी सोच को बडी महेफूझ रखती है उंगलीयां !
जितना चाहो सोच लो, ये आंखे थोडी है?,
जो बतलाये राझ दिल के, बहुत कूछ छुपाती है उंगलीयां !
लिखवाने से कहां लिखति है उंगलीयां,
ये तो सिर्फ दिलके ईशारे समजती है उंगलीयां !
दिलकी सब खिडकीयों को
ये तो सिर्फ दिलके ईशारे समजती है उंगलीयां !
दिलकी सब खिडकीयों को
अपनी नोक पे कहां खुलने देती है ये उंगलीयां??
जब दिल का मरिझ हो तो खुब उसे नचाती है , ये उंगलीयां,
और कभी खुद दिल पे मझबूर बनकर नाचती है ये उंगलियां !
बस, ऐसे ही गिनती के काम करती है ये उंगलियां !
पर्,तुम्हे क्या बताऊं?
कई बार तेरा नाम लीख लीख के मीटाती हैं उंगलीयां !
तुम्हे देखे बीना तुम्हारे नाम लिखना,
और तुम्हे सुने बीना गझल लीख लेती है ये उंगलियां!
तुम्हे देखे बीना तुम्हारे नाम लिखना,
और तुम्हे सुने बीना गझल लीख लेती है ये उंगलियां!
क्या करुं बहुत मगरुर हैं ये उंगलियां!
ब्रिंदा**
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