मेरी आँखे तो है पर देखती नहीं कुछ ....
पता नहीं कहाँ पर टिकी रहेती है !!!!
आते जाते है सारे नज़ारे .....
बस ऐसा होता रहा जिंदगी भर
पर ,,,, आँखे है की कुछ देखती नहीं !!!
मै सोचु , आँखे है या आयना .......,
पता नहीं उसमे देखु तो
सिवा तेरे कोई और तस्वीर दिखती नहीं !!
आँखों को जपका कर देखा ,
चाहा बहुत की कुछ और देखलु,
पर आँखे है की कुछ बदलती ही नहीं !!
शायद , मन होता या मानुष तो बदल भी जाता ,
पता नहीं खुदा ने क्या आँखे दी है ,
और कुछ देखती ही नहीं !!
पर मै चाहुं की पलकें हमेशा करलु बंध,
ऐसे भी ये कुछ देखती नहीं ,
जाने क्यूँ ......मेरी आँखेतो है पर कुछ देखती नहीं !!!!
**ब्रिंदा **
पता नहीं कहाँ पर टिकी रहेती है !!!!
आते जाते है सारे नज़ारे .....
बस ऐसा होता रहा जिंदगी भर
पर ,,,, आँखे है की कुछ देखती नहीं !!!
मै सोचु , आँखे है या आयना .......,
पता नहीं उसमे देखु तो
सिवा तेरे कोई और तस्वीर दिखती नहीं !!
आँखों को जपका कर देखा ,
चाहा बहुत की कुछ और देखलु,
पर आँखे है की कुछ बदलती ही नहीं !!
शायद , मन होता या मानुष तो बदल भी जाता ,
पता नहीं खुदा ने क्या आँखे दी है ,
और कुछ देखती ही नहीं !!
पर मै चाहुं की पलकें हमेशा करलु बंध,
ऐसे भी ये कुछ देखती नहीं ,
जाने क्यूँ ......मेरी आँखेतो है पर कुछ देखती नहीं !!!!
**ब्रिंदा **
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